कभी रो के मुस्कुराए...
कभी रो के मुस्कुराए ,
कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए||
दिल की ख्वाहिश....
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूं,
प्यार का उसे पैगाम क्या दूं,
इस दिल में दर्द नहीं बस यादें हैं उसकी
अब यादें ही मुझे दर्द दें तो उसे इल्जाम क्या दूं ||
अंदाज़-ऐ-प्यार...
"अंदाज़-ऐ-प्यार आपकी एक अदा हे,
दूर हो हमसे आपकी खता हे,
दिल में बसी हे एक प्यारी सी तस्वीर आपकी,
जिस के निचे “आई मिस यू” लिखा हे.."