दिल को उसकी हसरत से खफा...
दिल को उसकी हसरत से खफा केसे करूँ,
अपने रब को भूल जाने की खता केसे करूँ,
लहू बनकर रग रग में बस गया है बो,
लहू को इस जिस्म से जुदा केसे करूँ ||
दिल को उसकी हसरत से खफा केसे करूँ,
अपने रब को भूल जाने की खता केसे करूँ,
लहू बनकर रग रग में बस गया है बो,
लहू को इस जिस्म से जुदा केसे करूँ ||