हजारों चेहरों में एक तुम ही थे, जिस पर हम मर मिटे, बरना न चाहतों की कमी थी, और न चाहने बालों की ||
~ एडमिन
एडमिन द्वारा दिनाँक 2020-05-03 03:33:17 को प्रस्तुत