काँटों सी चुभती है तन्हाई...
काँटों सी चुभती है तन्हाई !
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई !
कोई आकर हम दोनों को हंसा दे,
मै रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई !!
काँटों सी चुभती है तन्हाई !
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई !
कोई आकर हम दोनों को हंसा दे,
मै रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई !!