बेबजह वक्त पे झुंझला...
बेबजह वक्त पे झुंझला के रो पड़े,
कभी पाकर तो कभी खोकर रो पड़े,
खुशियां भी कहा रही सलीम के पास,
कभी तुम लोगो में हंस लिए तो घर जाकर रो पड़े ||
बेबजह वक्त पे झुंझला के रो पड़े,
कभी पाकर तो कभी खोकर रो पड़े,
खुशियां भी कहा रही सलीम के पास,
कभी तुम लोगो में हंस लिए तो घर जाकर रो पड़े ||