पैदा जो हौसलों में हसरत...
पैदा जो हौसलों में हसरत न कर सके,
जूनून के खिलाफ वगाबत न कर सके,
घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया,
हम तो एक लम्हा किसी से मोहब्बत न कर सके ||
पैदा जो हौसलों में हसरत न कर सके,
जूनून के खिलाफ वगाबत न कर सके,
घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया,
हम तो एक लम्हा किसी से मोहब्बत न कर सके ||